कुमारगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के कर्मचारियों को विगत 4 महीने से वेतन न मिलने के कारण काफी दुश्वारियां का सामना करना पड़ रहा है।
जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई, दैनिक उपयोगी खर्चे के लिए पड़ गए टूटे, पाई पाई को मोहताज हो गए है कर्मचारी।
आपको बता दें कि चाहे कर्मचारी हो अथवा व्यवसाई हर कोई यही सोचता है उसकी बुनियादी सुविधाएं बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ जरूरी चीजें समय पर प्राप्त हो जाए।
जिसके लिए वह सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करता है कोई ऑफिस में बैठकर कोई शारीरिक श्रम करके अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए लगा है।
लेकिन आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज के वेटरनरी कॉलेज में कार्यरत कर्मचारीगणों के लिए ऐसा नहीं है।
जिसकी एक बानगी बुधवार अपराहन करीब 1:30 बजे देखने को मिली।
महाविद्यालय के कई कर्मचारियों ने बताया कि विद्यालय के किसी भी स्टाफ को बीते 4 महीने से वेतन नहीं मिला।
कर्मचारियों को पैसे पैसे के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए फीस तथा परिवार के सदस्यों की जरूरत के सामानों के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
थक हार करके कर्मचारीगण प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत कुलपति प्रो सचिव आयुक्त व वित्त नियंत्रण के पास प्रार्थना पत्र देते हुए वेतन दिए जाने की मांग किए हैं।
बच्चों की शिक्षा के लिए फीस विवाह एवं चिकित्सा उपचार हेतु तत्काल प्रभाव से जरूरत होती है।
अधिकांश कर्मियों द्वारा बैंक से लिए गए लोन की अदायगी समय से ना होने से कर्मचारियों का क्रेडिट खराब हो रहा है।
लिखा गया है कि कई कर्मचारी गंभीर बीमारी से हर स्थित है वेतन के अभाव से राम मनोरथ पशु परिचर आई एल एफ विभाग का निधन हो गया।
इस बात के संबंध में वेटरनरी कॉलेज में तैनात कर्मचारियों से बात की गई तब कर्मचारियों का दर्द छलक आया बताने लगे की नियमित वेतन न मिलने के कारण बहुत सारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चतुर्थ क्लास के कर्मी मुन्ना लाल ने बताया कि पथरी की दवा चल रही है इसका ऑपरेशन भी होना है वेतन न मिलने के कारण हम सब परेशान हैं।
कनिष्ठ सहायक स्वामीनाथ ने बताया कि उनकी पत्नी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं पैसे के अभाव से दवाई बंद हो गई है।
इसी तरह से कई कर्मचारियों ने अपना अपना दुखड़ा बताया कोई बच्चों की फीस वह कोई अन्य जरूरत को लेकर परेशान दिखा कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और महामहिम राज्यपाल वा मुख्यमंत्री जी कर्मचारियों की जरूरतों को देखते हुए अनुपूरक बजट की व्यवस्था करके वेतन का भुगतान करें जिससे कर्मचारियों की जरूरत पूरी हो सके।