अयोध्या जनपद के खंडासा थाना क्षेत्र से जुड़े मामले में पीड़ित राजेश पुत्र रामकलप निवासी कुचेरा बाजार थाना इनायत नगर का निवासी ने शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था। कि पीड़ित ने अपनी बहन बैशाली का बिवाह 17 फरवरी 2024 को श्रवण कुमार पुत्र गया प्रसाद निवासी जैराजपुर थाना खण्डासा जिला अयोध्या से हिन्दू रीति रिवाज से अपने गृह निवास से किया था। शादी मे ही एक लाख नकद और मोटरसाइकिल स्पेलन्डर गाडी और गहना सामान देकर बहन को विदा किया था। लेकिन शादी के दिन भी आरोपी श्रवण कुमार ने सोने की चैन को लेकर बहुत बवाल किया और सोने की चेन लेने के बाद ही शादी मे अग्नि के फेरे लिए थे। शादी के बाद ही आरोपियों ने पीड़ित की बहन को दहेज के लिये प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। यंहा तक कि जब भी मायके वाले मृतका से बात करने के लिये फोन करते तो उसका देवर अंकित और आर्यन अपने सामने उससे बात करवाते थे ताकि वह डर से अपने घर वालों को अपनी प्रताड़ना न बता सके।
शिकायतकर्ता की बहन को उसका पति कम दहेज मिलने से नाराज़ होकर शादी के 15 दिन बाद ही अपने घर वालो के साथ छोड कर नोयडा चला गया था मृतका के मायके वालों के कई बार समझाने पर भी मृतका बैशाली को उसका शौहर अपने साथ नहीं ले गया था बैशाली जब भी छुप छुपा कर अपने मायके के लोगो को फोन करने की कोशिश करती थी तो उसके दोनो देवर उस पर नज़र रखते थे और नाराज़ होकर अभद्र हरकत करते थे और जब भी मृतका का छोटा भाई बृजेश बैशाली को लेने जाता तो ससुराल वाले उसे आने नहीं देते थे। रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार पर देवर अंकित बैशाली को साथ में लेकर मायके आये थे तो बैशाली अपने ससुराल वापस जाने को नही तैयार थी और अपनी आप बीती मायके वालों को रो बताया कि ससुराल मे उसके सास गंगाजली ससुर गया प्रसाद सब मारपीट, गाली गलौज करते है। और उसके देवर आर्यन उसका मोबाइल हैक कर रखा है पति भी फोन पर गाली गलौज करता और आये दिन जान से मारने की धमकी देता था। कहता था कि दूसरी शादी करेगा, लेकिन लोक लाज की डर से पीड़ित मायके वालों ने मृतका को ससुराल जाने दिया।
दिनाँक 29 दिसम्बर 2024 को सुबह बैशाली के ससुराल के गांव के प्रधान पवन पाण्डेय ने सुबह 7 : 30 बजे फोन पर बताया कि बैशाली ने अपने घर मे फांसी लगा ली है, तो शिकायतकर्ता और उसका पूरा परिवार मौके पर बैशाली के ससुराल पहुंचा और देखा कि बैशाली की लाश पंखे से लटकी थी पैर जमीन छू रहा था और नाक से खून बह था पुलिस ने बताया कि दरवाजा खुला था। बैशाली के कमरे का दरवाजा तोडा नही गया था क्योकि बैशाली की सास भी उसी कमरे मे सोई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार उनकी बहन बैशाली दो माह की गर्भवती भी थी, आरोप है कि विपक्षीगण अपनी ऊँची ऊँची पहुँच बताकर पुलिस पर दबाव बनाकर मामला दबाने की कोशिश कर रहे थे। पीड़ित के बिरोध करने पर आरोपियों ने एक पूर्व विधायक का नाम धमकी देकर मामला दबाने को कहा , पीड़ित ने मामले मे उनकी गर्भवती बहन की सुनियोजित हत्या, दहेज के लिए उत्पीड़न, घरेलू हिंसा के लिए शिकायत की थी पुलिस ने 1 सप्ताह पीड़ितों को भटकाती रही लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या के आदेश पर गंभीरता को देखते हुए BNS की धारा 80(2)/85 और दहेज निरोधक अधिनियम 1961 की धारा 3 व 4 में एफआईआर दर्ज की है।