राष्ट्रीय कथा वाचक इंद्रेश कौशिक महाराज को अमरपाटन मध्य प्रदेश में जगद्गुरु श्री राम ललाचार्य ने उनके कार्य पद्धति सनातन के प्रति प्रवचन हिंदू राष्ट्र एवम धर्म के प्रति श्रद्धा समर्पण की भावना को देखते हुए कथा दक्षता सम्मान से सम्मानित किया है। इसकी जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजक मैहर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष योगी प्रदीप तिवारी ने बताया कि भारत की ऋषि परंपरा जिसमे भक्ति और शक्ति का समन्वय करता हुआ सनातन धर्म आज विश्व के कोने कोने में फैल रहा है इस धर्म की ध्वजा को गांव से शहर और शहर से देश एवम विदेश ले जाने में सतत प्रयासरत अयोध्या के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां कामाख्या धाम के महंत इंद्रेश कौशिक महाराज को मैहर की भूमि से जगद्गुरु स्वामी जी ने सम्मानित किया। जगद्गुरु स्वामी श्री राम ललाचार्य ने कहा इंद्रेश कौशिक महाराज धरती पर शांति का संदेश एवम हिंदू राष्ट्र एवम सनातन का संदेश प्रदान कर रहे हैं हमे गर्व है कि अयोध्या की भूमि से निकलकर देश देशांतर में जाकर सनातन धर्म की ध्वजा फहरा रहे हैं। एडवोकेट योगी प्रदीप तिवारी ने कहा कि भारत के संत महापुरुष सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर रहे हैं, जहां एक युवा संत बोलता है वहां प्रत्येक व्यक्ति के भीतर एक युवा चेतना एवम एक नई शक्ति का संचार होता है कामाख्या धाम के कौशिक महाराज विद्वान एवम तपस्वी संत है जो धर्म एवम संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं हम सभी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। गौरतलब है कि इंद्रेश कौशिक महाराज युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय है इनके प्रवचन को सुनने के लिए युवाओं के भीड़ का एक लंबा जत्था देखने को मिलता है उनके प्रवचन के अक्सर बहुत पंक्तियां सभी आयुवर्ग के लोगों के जुबान पर रहती है। सोशल मीडिया पर भी इंद्रेश कौशिक महाराज की लोकप्रियता कम नही है मां कामाख्या धाम का नाम सुनने के बाद व्यक्ति के जुबान पर अनायास इंद्रेश कौशिक का नाम आ ही जाता है। बता दे कि इंद्रेश कौशिक महाराज को कई बड़े संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है वह कई राज्यों के नामी शहरों में भी वक्ता के तौर पर आमंत्रित किए जा चुके है। कौशिक महाराज ने कहा कि जो सम्मान उन्हें दिया गया है वह संपूर्ण कामाख्या भक्त परिवार एवम अयोध्या के लिए गौरव की बात है। वह अपना जीवन सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में समर्पित कर चुके हैं और जीवन पर्यंत देश विदेश सहित विश्व भर में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे।