
कैल्शियम की कमी (हाइपोकैल्सीमिया) के लक्षण शरीर में इस आवश्यक खनिज की मात्रा कम होने पर प्रकट हो सकते हैं। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, और ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि कमी कितनी गंभीर है और कितने समय से मौजूद है। नीचे कैल्शियम की कमी के कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
- मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द:
- हाथ, पैर, या चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन या संकुचन (टेटनी) हो सकता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी या दर्द महसूस हो सकता है।
- झुनझुनी या सुन्नता:
- उंगलियों, पैर की उंगलियों, या होंठों में झुनझुनी या सुन्नता का अनुभव हो सकता है।
- थकान और कमजोरी:
- सामान्य थकान, ऊर्जा की कमी, या लगातार कमजोरी महसूस होना।
- हड्डियों से संबंधित समस्याएं:
- लंबे समय तक कमी रहने पर हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है।
- दांतों में कमजोरी या दर्द भी हो सकता है।
- नाखून और त्वचा पर प्रभाव:
- नाखून कमजोर, टूटने वाले या धीरे बढ़ने वाले हो सकते हैं।
- त्वचा शुष्क या रूखी हो सकती है।
- मानसिक लक्षण:
- चिड़चिड़ापन, चिंता, या अवसाद जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षण।
- याददाश्त में कमी या भ्रम की स्थिति।
- हृदय संबंधी लक्षण:
- गंभीर मामलों में दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है (अरिदमिया)।
- बच्चों में लक्षण:
- बढ़ने में देरी, हड्डियों का कमजोर विकास, या रिकेट्स (सूखा रोग) जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
कब चिकित्सक से संपर्क करें?
यदि आपको लगातार मांसपेशियों में ऐंठन, झुनझुनी, या असामान्य थकान जैसे लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से परामर्श करें। कैल्शियम की कमी का पता ब्लड टेस्ट से लगाया जा सकता है, और इसका इलाज आहार में बदलाव, सप्लीमेंट्स, या अन्य चिकित्सा के जरिए संभव है।
कैल्शियम के अच्छे स्रोत जैसे दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल), बादाम, और मछली (जैसे सैल्मन) को आहार में शामिल करने से इसकी कमी को रोका जा सकता है।

Disclaimer: यह जानकारी सभी के लिए नहीं हो सकती अलग-अलग मरीजों को अलग-अलग समस्याएं होती है। आप अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
