
महाराणा प्रताप की लंबाई और उनके हथियारों के बारे में तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई है। उनके बारे में सटीक जानकारी ऐतिहासिक स्रोतों, लोककथाओं और उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में संरक्षित वस्तुओं से प्राप्त होती है। हालांकि कुछ विवरणों में अतिशयोक्ति हो सकती है, नीचे यथासंभव सटीक और तथ्य-आधारित जानकारी दी गई है:

महाराणा प्रताप की लंबाई
- ऐतिहासिक अनुमान: महाराणा प्रताप की लंबाई को लेकर कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है, लेकिन लोककथाओं और इतिहासकारों के अनुसार उनकी ऊंचाई 7 फीट 5 इंच (लगभग 2.26 मीटर) के आसपास मानी जाती है। यह अनुमान उनके कवच, हथियारों और उस समय के लोगों की तुलना से लगाया गया है।
- शारीरिक बनावट: वे असाधारण रूप से मजबूत और हृष्ट-पुष्ट थे। उनकी शारीरिक शक्ति का अंदाजा उनके भारी हथियारों और युद्ध में उनकी वीरता से लगाया जा सकता है।
- साक्ष्य: उदयपुर के म्यूजियम में रखे उनके कवच और हथियारों का आकार भी इस बात की पुष्टि करता है कि वे सामान्य से कहीं अधिक लंबे और शक्तिशाली थे।

हथियारों का विस्तृत विवरण
महाराणा प्रताप के हथियार उनकी शक्ति और युद्ध कौशल के प्रतीक थे। ये हथियार न केवल उपयोगी थे, बल्कि राजपूत शिल्पकला और परंपरा को भी दर्शाते थे। नीचे उनके प्रमुख हथियारों का वर्णन है:
- भाला (Spear):
- वजन: ऐतिहासिक अनुमानों के अनुसार, उनका भाला 2.5 से 17 किलोग्राम के बीच का था। लोककथाओं में इसे 80-81 किलोग्राम बताया जाता है, लेकिन यह अतिशयोक्ति मानी जाती है, क्योंकि इतना भारी भाला युद्ध में व्यावहारिक नहीं होता।
- लंबाई: भाले की लंबाई लगभग 8 से 10 फीट (2.4 से 3 मीटर) रही होगी, जो घुड़सवारी के दौरान दुश्मन पर दूर से प्रहार करने के लिए उपयुक्त था।
- विशेषता: यह मजबूत लकड़ी और धातु से बना होता था, जिसमें नुकीला सिरा दुश्मन के कवच को भेदने में सक्षम था।
- तलवार (Sword):
- वजन: उनकी तलवार का वजन 4-5 किलोग्राम के आसपास था। यह उस समय की सामान्य तलवारों से भारी थी, जो उनकी शक्ति को दर्शाती है।
- लंबाई: तलवार की लंबाई लगभग 3.5 से 4 फीट (1 से 1.2 मीटर) रही होगी।
- विशेषता: यह दोहरी धार वाली थी और उच्च गुणवत्ता की धातु से बनी थी। तलवार पर नक्काशी और सजावट भी होती थी, जो राजपूत शैली की पहचान थी।
- ढाल (Shield):
- वजन: ढाल का वजन 10-15 किलोग्राम के बीच था।
- आकार: इसका व्यास लगभग 2.5 से 3 फीट (75-90 सेमी) रहा होगा।
- विशेषता: यह मजबूत धातु से बनी थी और मध्य में उभरा हुआ हिस्सा होता था, जो हमलों को झेलने में मदद करता था। ढाल पर सूर्य का चिह्न (मेवाड़ का प्रतीक) अंकित था।
- कवच (Armor):
- वजन: उनका कवच 20-25 किलोग्राम के आसपास था। इसमें छाती, पीठ, हाथ और पैरों की सुरक्षा के लिए धातु की प्लेटें शामिल थीं।
- विशेषता: कवच में छोटे-छोटे धातु के टुकड़े जोड़े जाते थे, जो लचीलापन और मजबूती दोनों प्रदान करते थे। यह तलवार और भाले के प्रहार से बचाने में सक्षम था।
- आकार: उनके कवच का आकार उनकी लंबाई और चौड़े कंधों के अनुरूप था, जो उनकी विशाल कद-काठी को दर्शाता है।
- खंजर (Dagger):
- वजन: खंजर का वजन 1-2 किलोग्राम था।
- लंबाई: इसकी लंबाई 1-1.5 फीट (30-45 सेमी) होती थी।
- विशेषता: यह हल्का, तेज और निकट युद्ध के लिए उपयोगी था। इसे कमर में बांधा जाता था और आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जाता था।

कुल वजन और उपयोग
- कुल हथियारों का वजन: उनके सभी हथियार और कवच का कुल वजन 35-40 किलोग्राम के आसपास था। इसमें भाला, तलवार, ढाल और कवच शामिल थे।
- लोककथाओं में अतिशयोक्ति: कुछ किंवदंतियों में दावा किया जाता है कि वे 200 किलोग्राम तक के हथियार और कवच वहन करते थे, लेकिन यह यथार्थवादी नहीं है। इतना वजन युद्ध में गतिशीलता को असंभव बना देता।
- उपयोग: प्रताप घुड़सवारी में माहिर थे और अपने भाले व तलवार का इस्तेमाल घोड़े पर सवार होकर करते थे। उनकी शारीरिक शक्ति और प्रशिक्षण उन्हें इन भारी हथियारों को प्रभावी ढंग से चलाने में सक्षम बनाते थे।

प्रमाण और प्रदर्शन
- उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में उनके कुछ हथियार और कवच आज भी संरक्षित हैं। इनका आकार और वजन उनकी असाधारण शारीरिक क्षमता की पुष्टि करता है।
- उनके घोड़े चेतक की सवारी के दौरान इन हथियारों को संभालना उनकी शक्ति और संतुलन का प्रमाण है।
निष्कर्ष
महाराणा प्रताप की लंबाई लगभग 7 फीट 5 इंच और उनके हथियारों का कुल वजन 35-40 किलोग्राम माना जाता है। ये आंकड़े उनकी असाधारण शारीरिक शक्ति और युद्ध कौशल को रेखांकित करते हैं। उनकी लंबाई और हथियार न केवल उनके व्यक्तित्व का हिस्सा थे, बल्कि उनकी वीरता और मेवाड़ की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष का प्रतीक भी थे।
