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हरदोई के बाद अयोध्या में भी आंगनबाड़ी कार्यकत्री नियुक्ति में फर्जीवाड़े का मामला गरमाया

क्षेत्रीय लेखपाल पर वार्षिक आय प्रमाण पत्र कम धनराशि का जारी किए जाने का लगा आरोप, पात्र एवं मेधावी महिला भ्रष्टाचार के चलते नियुक्ति पाने से रह गई वंचित

मिल्कीपुर अयोध्या। प्रदेश के हरदोई जिले के बाद अब अयोध्या जनपद के मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में भी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति में क्षेत्रीय लेखपालों से सांठ गांठ करके कम धनराशि की वार्षिक आय जारी कराते हुए नियुक्ति में फर्जी बाड़ा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।

जानकारी के बाद उच्च शैक्षणिक अर्हताधारी आवेदिका ने मामले की शिकायत तहसील के उच्चाधिकारियों से लेकर जिले के अधिकारियों से की है। बताते चलें कि अभी चंद दिन पूर्व हरदोई जिले में लेखपालों द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति में आवेदकों को गलत तथ्यों के आधार पर कम धनराशि का आय प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया था, जिसके चलते अपात्र महिलाओं का चयन आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के रूप में हो गया था। जिसकी जांच के बाद कई लेखपाल कार्रवाई की जड़ में आ गए और उनके खिलाफ निलंबन से लेकर एफआईआर तक दर्ज कराई गई थी।

इसी तरह का मामला मिल्कीपुर ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत डीली गिरधर गांव में भी प्रकाश में आया है जहां आवेदिका आसनी पत्नी अक्षय तिवारी ने एसडीएम मिल्कीपुर को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि उनके गांव के क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा 48 हजार रुपए की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र उनके पक्ष में जारी किया गया था। जबकि अंशिका सिंह पत्नी योगेंद्र कुमार सिंह जिनकी मां आशा बहू हैं एवं ससुर के नाम एक हेक्टेयर से अधिक भूमि सहित दो-दो पक्का मकान एवं दो मोटरसाइकिल सहित अन्य संसाधन भी मौजूद हैं।

जिनका वार्षिक आय प्रमाण पत्र 48 हजार रुपए से कम का जारी कर दिया गया। पीढिक महिला का आरोप है कि शैक्षणिक योग्यता में भी उसका भारांक अधिक है। आवेदिका अंशिका सिंह के प्रभाव में आकर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा गलत वार्षिक आय दर्शाते हुए प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जिसके चलते वह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पद की नियुक्ति से वंचित रह गई। पीड़ित महिला ने मामले की जांच करते हुए प्रभावी कार्रवाई किए जाने की गुहार की है।

वहीं दूसरी ओर डीली गिरधर गांव पर तैनात क्षेत्रीय लेखपाल के कारनामों की चर्चा समूचे क्षेत्र में जोरों पर है। लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय लेखपाल का स्थानांतरण अभी इन्हीं हरकतों के चलते मिल्कीपुर तहसील से दूसरी तहसील हो गया था किंतु लेखपाल अपने प्रभाव के चलते पुनः मिल्कीपुर तहसील में ट्रांसफर पर वापस आ गया और पुनः इसी लेखपाल क्षेत्र पर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। अब देखना है कि तहसील से लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारी मामले में कौन सा रुख अख्तियार करते हैं। फिलहाल पीड़िता को न्याय मिलेगा अथवा नहीं यह तो अभी भविष्य के गर्त में है।

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